जी एस टी बिल क्या है व इसके लिए नामांकन कैसे कराएं ...

जी एस टी बिल क्या है व इसके लिए नामांकन कैसे कराएं ...

deepawali.co.in/gst-bill-2015-in-hindi.html

जी एस टी बिल क्या है व इसके लिए नामांकन कैसे


GST को लेकर संसद में गतिरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है, जबकि इसके लागू होने से टैक्स संरचना में सुधार होना है. अगर यह बिल लागू हो जाता है तो इससे न सिर्फ टैक्स भरना आसान होगा, बल्कि टैक्स की चोरी भी रुकेगी. इसका लागू होना देश की जीडीपी को बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए भी जरूरी है. आइए जानते है आखिर GST बिल है क्या? साथ ही क्या हैं इसके फायदे और नुकसान जिसके चलते दाव-पेंच फंस रहे हैं.
भारत में वर्ष 2006-07 के साथ आम बजट में पहली बार इसका जिक्र किया गया था. केंद्र और राज्य के बीच अप्रत्यक्ष करों के बंटवारे को लेकर विवादों में रहा वस्तु एवं सेवा कर हमेशा ही चर्चा का विषय बना हुआ है. इसके बावजूद कम लोगों को ही इसकी पूरी जानकारी होगी. और शायद ये पता होगा कि आखिर क्यों इस पर इतने सवाल खड़े किए जा रहे हैं.
क्या है GST
गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) एक अप्रत्यक्ष कर है. जीएसटी के तहत वस्तुओं और सेवाओं पर एक समान कर लगाया जाता है. जहां जीएसटी लागू नहीं है, वहां वस्तुओं और सेवाओं पर अलग-अलग टैक्स लगाए जाते हैं. सरकार अगर इस बिल को 2016 से लागू कर देती तो हर सामान और हर सेवा पर सिर्फ एक टैक्स लगेगा यानी वैट, एक्साइज और सर्विस टैक्स की जगह एक ही टैक्स लगेगा.
क्या होंगे इसके फायदे
किसी भी राज्य में सामान का एक दाम
जीएसटी लागू होने से सबसे बड़ा फायदा आम आदमी को होगा. पूरे देश में किसी भी सामान को खरीदने के लिए एक ही टैक्स चुकाना होगा. यानी पूरे देश में किसी भी सामान की कीमत एक ही रहेगी. जैसे कोई कार अगर आप दिल्ली में खरीदते हैं तो उसकी कीमत अलग होती है, वहीं किसी और राज्य में उसी कार को खरीदने के लिए अलग कीमत चुकानी पड़ती है. इसके लागू होने से कोई भी सामान किसी भी राज्य में एक ही रेट पर मिलेगा.
कर विवाद में कमी
अगर यह लागू हो जाता है तो कई बार टैक्स देने से छुटकारा मिल जाएगा. इससे कर की वसूली करते समय कर विभाग के अधिकारियों द्वारा कर में हेराफेरी की संभावना भी कम हो जाएगी. एक ही व्यक्ति या संस्था पर कई बार टैक्स लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, सिर्फ इसी टैक्स से सारे टैक्स वसूल कर लिए जाएंगे. इसके अलावा जहां कई राज्यों में राजस्व बढ़ेगा तो कई जगह कीमतों में कमी भी होगी.
कम होगी सामान की कीमत
इसके लागू होने से टैक्स का ढांचा पारदर्शी होगा जिससे काफी हद तक टैक्स विवाद कम होंगे. इसके लागू होने के बाद राज्यों को मिलने वाला वैट, मनोरंजन कर, लग्जरी टैक्स, लॉटरी टैक्स, एंट्री टैक्स आदि भी खत्म हो जाएंगे. फिलहाल जो सामान खरीदते समय लोगों को उस पर 30-35 प्रतिशत टैक्स के रूप में चुकाना पड़ता है वो भी घटकर 20-25 प्रतिशत पर आ जाने की संभावना है. इसके अलावा भारत की ग्रोथ रेट में भी एक से डेढ़ फीसदी की बढ़ोतरी होगी.
जीएसटी लागू होने पर कंपनियों और व्यापारियों को भी फायदा होगा. सामान एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी. जब सामान बनाने की लागत घटेगी तो इससे सामान सस्ता भी होगा.
किसको होगा नुकसान
जीएसटी लागू होने से केंद्र को तो फायदा होगा लेकिन राज्यों को इस बात का डर था कि इससे उन्हें नुकसान होगा क्योंकि इसके बाद वे कई तरह के टैक्स नहीं वसूले पाएंगे जिससे उनकी कमाई कम हो जाएगी. गौरतलब है कि पेट्रोल व डीजल से तो कई राज्यों का आधा बजट चलता है. इस बात को ध्यान में रखते हुए केंद्र ने राज्यों को राहत देते हुए मंजूरी दे दी है कि वे इन वस्तुओं पर शुरुआती सालों में टैक्स लेते रहें. राज्यों का जो भी नुकसान होगा, केंद्र उसकी भरपाई पांच साल तक करेगा.

Comments

Popular posts from this blog

सिकंदर महान

What is Balance sheet In Hindi?